पंजाब के संगरूर जिले की बख्शीवाला चौकी पर एक बार फिर आतंकियों ने ग्रेनेड हमला किया, जिससे इलाके में दहशत का माहौल है। खालिस्तानी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इसे अपनी साजिश का हिस्सा बताया है। बीते 25 दिनों में यह सातवां हमला है, जिसमें पुलिस थानों और चौकियों को खासतौर पर निशाना बनाया गया है। पंजाब पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान टाइगर फोर्स और अन्य संगठनों की भूमिका हो सकती है।
खौफ फैलाने की साजिश
पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि राज्य को आतंकी साजिशों का मुख्य केंद्र बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि आतंकवादी संगठन लगातार डर का माहौल पैदा करने में लगे हुए हैं और इसके जरिए अपने स्लीपर सेल्स को सक्रिय करने की योजना बना सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन हमलों में इस्तेमाल किए गए ग्रेनेडों की फोरेंसिक जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये ग्रेनेड कितने पुराने हैं, कहां से लाए गए हैं, और किस तरह इस्तेमाल किए गए हैं। जांच से इन हमलों की गहराई और साजिश के पीछे की मंशा का भी खुलासा हो सकेगा।
पुराने हथियारों से हमले का संकेत
पूर्व डीजीपी शशिकांत ने कहा कि हालिया हमलों में इस्तेमाल किए गए ग्रेनेड अधिक नुकसान नहीं कर सके, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ये संभवतः पुराने और कम प्रभावशाली हथियार थे। ऐसा लगता है कि ये ग्रेनेड कहीं लंबे समय से दबे हुए थे या अप्रचलित स्टॉक से लाए गए थे। उन्होंने आशंका जताई कि आतंकी संगठन इन छोटे हमलों के जरिए किसी बड़े आतंकी वारदात की तैयारी कर रहे हैं। विदेशों में सक्रिय खालिस्तानी संगठनों की गतिविधियां भी भारत, खासकर पंजाब में, अशांति फैलाने की कोशिशों का हिस्सा हैं। ऐसे में सरकार और पुलिस को त्वरित और सख्त कदम उठाने की जरूरत है, ताकि पंजाब को दोबारा आतंकवाद के साए में जाने से बचाया जा सके।
आतंकी हमलों से निपटने के लिए कड़ी सुरक्षा की जरूरतइन लगातार हो रहे ग्रेनेड हमलों ने पंजाब में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इन हमलों का मकसद केवल डर फैलाना ही नहीं, बल्कि सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों को उजागर करना भी है। ऐसे हालात में पुलिस और खुफिया एजेंसियों को सतर्क रहकर आतंकियों की साजिशों को नाकाम करना होगा। आधुनिक उपकरणों और तकनीकी सहायता से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खालिस्तानी संगठनों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए भारत को कूटनीतिक प्रयास भी तेज करने होंगे।
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