LOADING

Type to search

कोलकाता रेप-मर्डर का दोषी करार, न्याय की जीत

News National

कोलकाता रेप-मर्डर का दोषी करार, न्याय की जीत

Share
कोलकाता रेप-मर्डर: दोषी करार, न्याय की जीत

कोलकाता के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में शनिवार को अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया। मुख्य आरोपी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट ने दोषी करार दिया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी के सभी दावों को खारिज कर दिया और कहा कि सजा का ऐलान सोमवार को किया जाएगा। इस फैसले के साथ न केवल पीड़िता के माता-पिता, बल्कि न्याय की उम्मीद लगाए बैठे समाज ने भी राहत की सांस ली हैं। हालांकि, पीड़िता के माता-पिता ने अपराध में अन्य लोगों की संलिप्तता का दावा करते हुए पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है।

घटना जिसने पूरे देश को झकझोरा

यह दर्दनाक घटना पिछले साल 9 अगस्त को घटित हुई थी, जब 28 वर्षीय जूनियर डॉक्टर का शव आरजी कर अस्पताल के सेमिनार रूम में मिला था। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी संजय रॉय ने महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी। कोलकाता पुलिस ने घटना के अगले ही दिन संजय को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इसके बावजूद परिवार और डॉक्टर समुदाय ने जांच पर सवाल उठाए। बाद में मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया, जिसने आरोपों की पुष्टि करते हुए आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश किए। घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया। कोलकाता के सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टरों और जूनियर चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया और कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। इस मामले में न केवल चिकित्सा क्षेत्र को झकझोरा, बल्कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।

मुकदमे की सुनवाई और आरोपी का दावा

नवंबर में इस मामले की सुनवाई बंद कमरे में शुरू हुई थी। 57 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद शनिवार को अदालत ने संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64, 66 और 103 (1) के तहत दोषी पाया। इन धाराओं के तहत दोषियों को उम्रकैद या फांसी की सजा दी जा सकती है। अदालत में फैसले के दौरान संजय ने खुद को निर्दोष बताते हुए दावा किया कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। उसने यह भी आरोप लगाया कि अपराध में एक आईपीएस अधिकारी शामिल है, लेकिन अदालत ने उसके इन दावों को खारिज कर दिया। इस दौरान पीड़िता के माता-पिता भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने उनके विश्वास का सम्मान किया है और उन्हें उम्मीद है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। हालांकि, उन्होंने दोहराया कि इस अपराध में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

फैसले से पहले अदालत परिसर में भारी भीड़

शनिवार को अदालत परिसर में फैसले का माहौल बेहद तनावपूर्ण था। जैसे-जैसे फैसले की घड़ी करीब आ रही थी, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, डॉक्टर और आम नागरिक अदालत परिसर में जुटने लगे। अदालत कक्ष 210 में अपराह्न करीब ढाई बजे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने फैसला सुनाया। फैसले के बाद परिसर में मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली, लेकिन साथ ही कुछ लोगों ने सवाल भी उठाए कि क्या पूरे मामले की सच्चाई सामने आ चुकी है या अभी भी पूरा न्याय बाकी हैं।

Follow Haqiqi News on LinkedIn to be updated with the latest news

Tags:

You Might also Like

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *