बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर अपनी सियासी दल बदली से उलट फेर मचा रखा हैं,नीतीश कुमार आरजेडी का साथ छोड़ भाजपा की N.D.A. गठबंधन से जुड़ गए हैं, जिसके बाद नीतीश कुमार ने बिहार के नए मुख्य मंत्री के रूप में एनडीए गठबंधन के साथ वापसी की हैं।
आपको बता दे रविवार को नीतीश कुमार ने I.N.D.I.A. महागठबंधन से अलग होते हुए मुख्य्मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही पार्टी बदलने का उनका सियासी रंग शुरू हो गया था । ये कांग्रेस और आरजेडी के लिए एक बड़ा झटका हैं मगर वहीं बीजेपी के लिए एक अवसर के रूप में सामने आया। नीतीश ने बीजेपी का साथ चुना और बिहार में फिर से भाजपा गठबंधन के साथ अपनी सरकार बना ली हैं।
क्या रहा सियासी माहौल
बिहार में नीतीश कुमार के I.N.D.I.A महागठबंधन से इस्तीफे के बाद NDA गठबंधन सरकार ने अपने पैर जमा लिए हैं। अगर सियासी माहौल की बात करे तो बीजेपी सरकार ने नीतीश कुमार को अपनी तरफ बुला कर अपने लिए चुनाव 2024 में मजबूती की तैयारी कर ली हैं। बीजेपी शुरू से चाहती थी की इस चुनाव में उनके लिए सबसे बड़ा चैलेंज महागठबंधन हैं उसको कैसे कमज़ोर किया जाए लेकिन नीतीश कुमार का NDA के साथ गठबंधन के बाद ये चिंता भी अब खत्म हो चुकी हैं। अब मानो राम मंदिर और I.N.D.I.A महगठबंधन के टूटने से चुनाव 2024 में बीजेपी का पलड़ा भारी होते नज़र आ रहा हैं।
क्या कह रहे थे आंकड़े?
बिहार की विधान सभा सीटों की बात करे तो यहां कुल 243 सीट हैं, जिसमे 79 सीटों के साथ आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी थी जबकि 78 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर थी वही जेडीयू के पास 45 सीट हैं यानी 243 सीटों की विधानसभा में जिसके पास जेडीयू का साथ हो सरकार उसी धड़े की बननी थीं और ऐसा ही हुआ जब नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर भाजपा के साथ गठबंधन किया तो बीजेपी और जेडीयू की सरकार ने बिहार की सत्ता पर अपना हाथ मार लिया।
क्यू बदली नीतीश कुमार ने सरकार
वैसे तो नीतीश कुमार काफी बार अपनी सरकार बदलते रहते हैं लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है, नीतीश कुमार जो I.N.D.I.A गठबंधन के प्रमुख भी माने जाते हैं और माना जाता है कि पटना में इसकी शुरुआत उन्ही के द्वारा की गई थी, लेकिन कांग्रेस के साथ संबंध खराब होने के कारण उनको लगा की I.N.D.I.A में कांग्रेस के रहते उनकी नही चल रही हैं या लाभ नही मिलेगा तो उन्होंने गठबंधन बदलने का मानो इरादा कर ही लिया, साथ ही दूसरा आंकड़ा ये भी बताय जा रहा हैं की कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार की झड़प लालू प्रसाद यादव से भी हुई जिसको लेकर आरजेडी और जेडीयू में थोड़ी अनबन दिखाई दी। सियासी माहौल की गर्मा -गर्मी भी लालू और नीतीश कुमार सरकार के बीच देखने को मिली थी। जो नीतीश कुमार का पार्टी से अलग होने का मुख्य कारण बताया जा रहा हैं।
चुनाव 2024 पर क्या पड़ेगा असर
चुनाव 2024 की बात करें तो देखा जा सकता है कि जो I.N.D.I.A. महागठबंधन बीजेपी को टक्कर देने और उनके सामने जीत के लिए खड़े होने का कांग्रेस और सभी अपोजिशन सरकार का एक मजबूत एजेंडा के रूप में सामने आया था, लेकिन नीतीश कुमार के गठबंधन तोड़ने के बाद और ममता बनर्जी का भी इंडिया गठबंधन से पीछे हटने के बाद ये महागठबंधन कुछ टूटता और कमज़ोर सा नज़र आ रहा हैं। हालांकि ये सिर्फ अपोजिशन पार्टी या कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि देश के लिए भी बड़ी चुनौती और चिंता की बात हैं क्योंकि अगर देश के पास अच्छा और मजबूत विपक्ष नहीं होगा तो लोकतांत्रिक बोलना और कहना असमर्थ हो जाएगा।
नीतीश ने कितनी बार बदली सरकार
नीतीश कुमार के अगर हम सत्ता में रहने की बात करे तो 1996 से सीएम की कुर्सी पर टिके रहने के लिए वो पार्टीज़ के साथ स्विच करते रहते हैं लेकिन सबसे आखिरी और बड़ा झटका उन्होंने दिया था 2019 में जब विधान सभा का चुनाव हुआ था। जिसमे नीतीश कुमार की सरकार जेडीयू और बीजेपी ने साथ मिलकर सरकार बनाई थी लेकिन फिर 2022 में उन्होंने बीजेपी को छोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई, इसके बाद अब 2024 चुनाव से पहले इस गठबंधन को तोड़कर और सीएम के पद से इस्तीफा देकर उन्होंने बीजेपी से हाथ मिलाया और साथ ही भारी बहुमत के साथ बिजेपी के साथ मिलकर उन्होंने एक बार फिर अपनी सरकार बिहार में बना ली हैं।
क्या रहा बिहार की जनता का रिएक्शन
बिहार की जनता की सुने तो, नीतीश कुमार की दलबदली से जनता नाराज़ हैं। मानो नीतीश कुमार ने सत्ता तो पा ली लेकिन जनता का भरोसा और विश्वास उन्होंने खो दिया हैं।देखना तो ये हैं की 2024 के चुनाव में जेडीयू की सरकार बिहार में अपना वर्चस्व बना पाती हैं या फिर ये दलबदली का सहारा ले कर आगे बढ़ती हैं।