दक्षिण त्रिपुरा में तैनात 2021 बैच के IAS अधिकारी प्रदीप कृष्णराज पर उनकी पत्नी डॉ. एमजे दिफी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने पति और ससुराल वालों पर मारपीट, दहेज मांगने और धमकी देने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं। दिफी का कहना है कि पति ने उनके साथ मारपीट करते हुए उनका हाथ तोड़ दिया और ससुराल वालों ने मानसिक और शारीरिक यातनाएं दीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज करने में आनाकानी की।
मुख्य सचिव और डीजीपी को कार्रवाई शुरू
डॉ. दिफी के अनुसार, उनके साथ बेलोनिया स्थित आधिकारिक आवास पर पिछले सप्ताह मारपीट की गई थी। इस दौरान उनका हाथ टूट गया और कई अन्य चोटें भी आईं। त्रिपुरा महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद पश्चिम अगरतला पुलिस ने आखिरकार इस मामले में FIR दर्ज की। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरुआत में मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री डॉक्टर मणिक साहा, मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखने के बाद कार्रवाई शुरू हुई।
शादी के बाद बदला माहौल
दिफी और प्रदीप कृष्णराज ने मार्च 2022 में शादी की थी। शुरुआत में सब कुछ सामान्य था, लेकिन दिसंबर 2022 में जब दिफी ने अपनी MBBS इंटर्नशिप पूरी करने के बाद अपने पति के साथ रहना शुरू किया, तब हालात बदलने लगे। उनका आरोप है कि कुछ समय बाद ही पति और उनके परिवार ने दहेज की नई मांगें शुरू कर दीं। शादी के समय बड़ी रकम और संपत्ति दहेज में दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद ससुराल वालों की मांगें खत्म नहीं हुईं।
मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना
डॉ. दिफी ने बताया कि सास ने उन्हें एक बार कमरे में बंद कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने केरल में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस की मदद से उन्हें उस समय बचाया गया था, लेकिन वह घटना उनके लिए बेहद डरावनी और मानसिक रूप से परेशान करने वाली थी। हालांकि, इसके बाद भी उनके साथ दुर्व्यवहार और हिंसा जारी रही, जो उनके आत्मसम्मान और मानसिक शांति को गहरा आघात पहुंचा रहा था। ससुराल पक्ष से उन्हें लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, जिसमें अपमानित करने, धमकाने और नई मांगों को लेकर दबाव डालने जैसी घटनाएं शामिल थीं।
मारपीट और धमकी के आरोप
8 जनवरी को, दिफी ने पति के सरकारी आवास पर उनसे मिलने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान प्रदीप ने उनके साथ मारपीट की, जिससे उनका हाथ टूट गया। उनका कहना है कि जब उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाही, तो अधिकारी का नाम सुनते ही पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पति ने उनकी जान लेने की धमकी भी दी है।
दहेज और यातनाओं का सिलसिला जारी
दिफी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि शादी के बाद से ही ससुराल वालों ने उनके साथ गलत व्यवहार किया और उनकी भावनाओं की अनदेखी की। उन्होंने यह भी कहा कि शादी के समय दिए गए दहेज और बाद में दी गई संपत्ति के बावजूद ससुराल वाले नई-नई मांगें करते रहे। जब उन्होंने इन मांगों का विरोध किया, तो उनके साथ हिंसा की गई और उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की गई। उनका कहना है कि ससुराल पक्ष ने बार-बार उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
न्याय की गुहार
डॉ. दिफी ने इस मामले में मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से अपनी आपबीती बताई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। हालांकि, इस मामले में अब तक अधिकारी प्रदीप कृष्णराज की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस पूरे मामले ने न केवल प्रशासनिक अधिकारियों की छवि पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि घरेलू हिंसा जैसी समस्याओं का सामना करने में पीड़ित महिलाओं को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
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