सर्दियों के मौसम में HMPV वायरस का प्रसार तेजी से बढ़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड में HMPV वायरस ज्यादा सक्रिय हो जाता है। प्रदूषण का बढ़ा स्तर और ठंडी, शुष्क हवा इसके फैलाव को और आसान बना देती है। इसी मौसम में लोगों को सर्दी, जुकाम और फ्लू जैसी समस्याएं भी अधिक होती हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। चीन के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह वायरस सर्दियों से वसंत ऋतु तक ज्यादा फैलता है। हालांकि इसे घातक संक्रमण की श्रेणी में नहीं रखा गया है, फिर भी यह बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए चिंता का कारण बन सकता है।
किन लोगों को HMPV वायरस से ज्यादा खतरा है?
यह वायरस हर उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है, लेकिन इसका असर विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा होता है। पांच साल से छोटे बच्चे, जिनकी इम्युनिटी पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती, इसके मुख्य शिकार बनते हैं। वहीं 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों में भी इसके कारण गंभीर जटिलताएं देखी जा सकती हैं। इसके अलावा, जो लोग फेफड़ों की बीमारियों, अस्थमा या निमोनिया से पीड़ित हैं, उनके लिए भी यह वायरस खतरनाक साबित हो सकता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग, जैसे कैंसर के मरीज या अंग प्रत्यारोपण करा चुके लोग, इस वायरस से अधिक प्रभावित हो सकते हैं।
HMPV वायरस के लक्षण
HMPV वायरस के लक्षण कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं। शुरुआत में यह सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह महसूस होता है, लेकिन समय पर इलाज न करने पर यह गंभीर रूप ले सकता हैं। इसके आम लक्षणों में खांसी, नाक बहना, गले में खराश और हल्का बुखार शामिल हैं। कुछ मामलों में मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द की शिकायत होती है। इन लक्षणों को नज़रअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर अगर मरीज पहले से किसी शारीरिक बीमारी से जूझ रहा हो।
सर्दियों में सतर्कता क्यों ज़रूरी है?
सर्दियां वैसे भी बीमारियों का मौसम मानी जाती हैं। ठंड के साथ बढ़ने वाला प्रदूषण, कम तापमान और कमजोर इम्युनिटी वायरस के प्रसार को बढ़ावा देते हैं। इस मौसम में लोग सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से ज्यादा ग्रसित होते हैं। ऐसे में HMPV वायरस को लेकर सतर्क रहना बेहद जरूरी हो जाता है। इस वायरस का संक्रमण सामान्य फ्लू की तरह लग सकता है, लेकिन यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए घातक साबित हो सकता है। समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर इलाज शुरू करना बेहद जरूरी है।
HMPV वायरस से बचने के उपाय
HMPV वायरस के लिए अभी कोई विशेष वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए रोकथाम ही सबसे प्रभावी तरीका है। अपनी और अपने परिवार की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखना जरूरी है। ठंड के मौसम में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। खानपान में ऐसे पोषक तत्व शामिल करें जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करें, जैसे ताजे फल, हरी सब्जियां और गर्म पेय। बाहर जाने पर मास्क पहनें और भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचने की कोशिश करें, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके।
जागरूकता ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय
HMPV वायरस कोरोना जितना घातक नहीं है, लेकिन इसे हल्के में लेना भी सही नहीं है। इस वायरस के बारे में जागरूकता फैलाना और समय पर सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। सर्दियों में वायरल संक्रमण के मामलों में वृद्धि होती है, जिससे यह खतरा और बढ़ सकता है। ऐसे में खुद की और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखना प्राथमिकता होनी चाहिए। अगर किसी को इसके लक्षण नजर आएं, जैसे खांसी या सांस लेने में परेशानी, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जागरूकता और सावधानी ही इस वायरस से बचने का सबसे कारगर और सरल तरीका है।
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