दिल्ली और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को जोरदार बारिश ने ठंड का असर और बढ़ा दिया। सुबह से ही आसमान में काले बादल छाए रहे और बारिश का सिलसिला दिनभर चलता रहा। बारिश की तीव्रता कभी कम तो कभी तेज होती रही, जिससे कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित हुआ।
इस बारिश ने दिल्ली का अधिकतम तापमान गिराकर 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा दिया। ठंड के कारण लोग घरों में ही दुबकने को मजबूर हो गए। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने दिल्ली-NCR और आसपास के इलाकों में अगले तीन दिनों के लिए ओलावृष्टि और तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। लोगों से घरों में सुरक्षित रहने और जरूरी कामों के लिए ही बाहर निकलने की अपील की गई है।
यातायात पर पड़ा असर
दक्षिण, मध्य और उत्तरी दिल्ली के कई इलाकों में बारिश के कारण यातायात बाधित हो गया। सबसे अधिक बारिश दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में दर्ज की गई। बारिश के कारण कई मुख्य सड़कों पर लंबा जाम लग गया, जिससे ऑफिस जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इसके चलते निचले इलाकों में भारी जलभराव देखने को मिला, जिससे कई वाहन फंस गए और पैदल चलने वाले लोगों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कुछ इलाकों में तो हालात इतने खराब हो गए कि लोग घरों में ही कैद हो गए। दुकानदारों ने बताया कि जलभराव के कारण उनका व्यापार भी प्रभावित हुआ। IMD ने चेतावनी दी है कि शनिवार और रविवार को भी भारी बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है, जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
पश्चिमी विक्षोभ का असर, ठंड ने किया जोरदार प्रहार
बारिश के साथ ही ठंड में भी इजाफा हुआ है। ठंडी हवाओं ने लोगों को घरों में ही रहने पर मजबूर कर दिया। आईएमडी के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं के मेल के कारण यह बारिश हो रही है। 27 और 28 दिसंबर को उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में मध्यम बारिश, तेज आंधी और ओलावृष्टि होने की संभावना है।
इसके साथ ही तेज हवाओं और ठंड के कारण दिल्ली-NCR के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में थोड़ा सुधार हुआ है, जो पहले ‘बहुत खराब’ श्रेणी में था। हालांकि, दोपहर 2 बजे तक यह 355 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता में सुधार के बावजूद कोहरे के कारण दृश्यता भी बेहद कम हो गई है, जिससे सुबह-सुबह ट्रैफिक प्रभावित हुआ। कई लोगों ने ठंड से बचने के लिए अतिरिक्त गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं।
उत्तर भारत में ठंड और कोहरे का प्रकोप
IMD ने बताया कि अगले 48 घंटों तक न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसके बाद तीन दिनों में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है। तापमान में गिरावट के साथ-साथ घने कोहरे की संभावना भी जताई गई है, जो सुबह और रात के समय सड़क यातायात को प्रभावित कर सकती है।
29 से 31 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तर भारत के अन्य इलाकों में हाड़ कंपाने वाली ठंड और शीतलहर का असर दिखेगा। इसके अलावा, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में घने कोहरे की संभावना है, जिससे यातायात और जनजीवन प्रभावित हो सकता है। कई जगहों पर वाहन चालकों को लाइट्स जलाकर गाड़ी चलाने की सलाह दी गई है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं।
पहाड़ों में बर्फबारी
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर और अन्य मैदानी इलाकों में इस मौसम की पहली बर्फबारी ने लंबे समय से चल रहे सूखे को खत्म कर दिया। सफेद बर्फ की चादर ने कश्मीर घाटी को एक खूबसूरत दृश्य में बदल दिया। डोडा, रामबन और किश्तवाड़ के कुछ इलाकों में भी बर्फबारी हुई, जबकि जम्मू के मैदानी इलाकों में बारिश दर्ज की गई। बर्फबारी के कारण कई सड़कें बंद हो गईं, जिनमें ऐतिहासिक मुगल रोड और श्रीनगर-सोनमर्ग-गुमरी रोड शामिल हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को मौसम की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। बर्फबारी ने पर्यटन को बढ़ावा दिया है, लेकिन स्थानीय लोगों को जरूरी सामान की आपूर्ति में दिक्कतें हो रही हैं।
राजस्थान में भी ठंड का प्रकोप
राजस्थान के कई इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। राज्य में बीते 24 घंटों में सीकर, अजमेर, चुरू और नागौर सहित कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। बारिश के साथ ही ठंडी हवाओं ने जनजीवन को और प्रभावित कर दिया। राज्य के कुछ हिस्सों में घने कोहरे ने जनजीवन को प्रभावित किया। चुरू में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे ठंडा दिन रहा। किसानों ने बताया कि बारिश और ठंड के कारण उनकी फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं।
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