नेपाल में 3 नवंबर रात को 6.4 की तीव्रता से आए भूकंप ने तबाही मचा दी हैं।अब तक इस भूकंप में मरने वालो की संख्या 133 पहुंच गई हैं।साथ ही लगभग 140 लोगो के ज़ख्मी होने की आशंका जताई जा रही है। इस भूकंप का केंद्र नेपाल का जाजरकोट था। जाजरकोट और रुकुम पश्चिम में ही सबसे ज्यादा इस भूकंप का असर देखने को मिला हैं। भूकंप की तबाही से कई मकान और बिल्डिंग्स ज़मीदोज़ हो चुकी हैं।
इस आपदा के अवसर में भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने प्राभावित क्षेत्रों में पहुंचकर जायज़ा लिया और साथ ही ट्वीट कर दु:ख भी जताया। नेपाल के प्रधानमंत्री ने आर्मी ऑफिसर के साथ 3 सुरक्षा एजेंसियों को बचाव और राहत के लिए तैनात कर दिया हैं । आपको बता दे , भूकंप इतना तेज़ था की इसके झटके दिल्ली एनसीआर और भारत के उत्तरी राज्य में भी देखने को मिले हैं।
वैसे तो देखा जाए नेपाल में भूकंप आते रहते हैं, नेपाल उस पर्वत शृंखला पर स्थित है, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेट मिलती हैं और ये हर सदी में एक-दूसरे के तकरीबन दो मीटर पास खिसकती जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप दबाव उत्पन्न होता है और भूकंप आते हैं।पिछले 800 सालों से यहां बार-बार धरती हिलती रही हैं। छोटे मोटे झटके महसूस होना नेपाल में आम बात हैं।
लेकिन बात करे इस सदी की तो 25 अप्रैल 2015 में नेपाल में बड़ा भूकंप आया था जिसमे 9000 लोगो ने अपनी जान गवाई थी। तब से नेपाल में इस एक महीने के अंदर तीसरी बार भूकंप आया हैं। लगातार आए झटकों और इस आपदा से लोगों में दहशत फैल गई हैं। इसी बीच भूवैज्ञानिकों ने चेतांवनी दी है की हिमालय क्षेत्र में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता हैं, खतरा अभी टला नही हैं। लोगो को सतर्क रहने की ज़रूरत हैं।