लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मंगलवार सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब कार्गो स्कैनिंग के दौरान एक प्लास्टिक के डिब्बे में नवजात शिशु का शव पाया गया। एयरपोर्ट के कार्गो सेक्शन में रोजाना की तरह सामान की स्कैनिंग हो रही थी। उसी दौरान एक प्राइवेट कोरियर कंपनी का एजेंट अपने सामान को कार्गो के माध्यम से बुक कराने पहुंचा। स्कैनिंग मशीन से जांच के दौरान एक संदिग्ध वस्तु दिखाई दी, जिसके बाद कार्गो कर्मचारियों ने संबंधित डिब्बा खोलकर देखा। डिब्बे के अंदर लगभग एक महीने के नवजात का शव मिलने से कर्मचारियों के होश उड़ गए। घटना की सूचना तुरंत केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को दी गई और कोरियर एजेंट को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई।
कोरियर एजेंट से पूछताछ के दौरान उसने नवजात के शव के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। प्राथमिक जांच में सामने आया कि शव को परीक्षण के लिए मुंबई भेजा जा रहा था। हालांकि, कोरियर एजेंट इस बात का कोई वैध दस्तावेज या अनुमति पत्र नहीं दिखा सका। एयरपोर्ट पुलिस और सीआईएसएफ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज़ कर दी है। एयरपोर्ट चौकी प्रभारी ने क कि शव को कार्गो के माध्यम से भेजने के पीछे की मंशा की जांच की जा रही है और कोरियर कंपनी के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी।
यह घटना एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्थाओं और मानवीय संवेदनाओं पर गंभीर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई मार्ग के माध्यम से किसी अवैध या अनैतिक वस्तु को भेजने की कोशिश बेहद चिंताजनक है और इससे बचने के लिए कार्गो प्रक्रियाओं को और सख्त करने की जरूरत है। एयरपोर्ट प्रबंधन ने घटना के बाद सुरक्षा प्रक्रिया को दोबारा जांचने का फैसला किया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पुलिस ने घटना को लेकर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने का भरोसा दिलाया है।
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