LOADING

Type to search

सुनीता विलियम्स का नौ महीने अंतरिक्ष सफर, जानिए शरीर पर क्या पड़े असर

News International Science & Tech

सुनीता विलियम्स का नौ महीने अंतरिक्ष सफर, जानिए शरीर पर क्या पड़े असर

Share
सुनीता विलियम्स का नौ महीने अंतरिक्ष सफर, जानिए शरीर पर क्या पड़े असर

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर अन्य दो यात्रियों के साथ 5 जून 2024 में स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा के लिए रवाना हुए। लेकिन तकनीकी खराबी होने के कारण वहां अटक गए। आखिरकार मार्च 2025 में नौ महीने के बाद एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल की सहायता से उनकी सफलतापूर्वक फ्लोरिडा के तट पर सुरक्षित लैंडिंग की गईं।

अंतरिक्ष में जीवन के लिए की गई चुनौतियां

अंतरिक्ष में रहना आसान नहीं होता हैं, जैसे कि हम जानते हैं कि वहां पर ग्रेविटी का असर बिल्कुल न के बराबर होता हैं, जिसकी वजह से वहां रहना काम करना चुनौती पूर्ण बन जाता हैं। और जब आप आठ दिन की तैयारी पर गए हो और आपको नौ महीने रुकना पड़े तो मानो सुनीता और विलियम के लिए ये बहुत बड़ी चुनौती रही होगी। हालांकि वह वापस तो आ गए हैं लेकिन सामान्य जीवन त में उन्हें अभी वक्त लग सकता हैं।

क्या हैं माइक्रो ग्रेविटी

माइक्रो ग्रेविटी में अंतरिक्ष का ग्रेविटी सिस्टम इतना काम नहीं करता है चाहे वह चलना, सोना या खाना हो, कम ग्रेविटी के कारण सारी चीज़ें हवा में तैरने लगती हैं, यहां तक इंसान का शरीर भी जिसके कारण शरीर पर काफी असर देखने को मिलता हैं। जैसे की हड्डियों की कमजोरी, मांसपेशियों का ढीला होना, आंख में खून का इकठ्ठा होना और बहुत से बदलाव जिससे वहां अंतरिक यात्रियों की जान को काफी खतरा रहता हैं। हालांकि इन बदलाव से लड़ने के लिए हर दिन चार घंटा व्यायाम करना जरूरी हो जाता हैं जिसके लिए स्पेस क्राफ्ट में ही उनके लिए अलग से जिम की सुविधा उपलब्ध रहती हैं। बाकी धरती पर आने के बाद शरीर को संतुलन में लाने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को लैंडिंग के बाद उन्हें मेडिकल निगरानी में रखा जाता हैं।

क्या और कैसे खाते हैं खाना

अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ताजा भोजन उपलब्ध नहीं होता उनके लिए विशेष रूप से फ्रिज डाइट और पैकेट फूड तैयार किया जाता है जिन्हें खाने से पहले पानी में मिलाना पड़ता हैं। पानी के लिए पसीना सांस से निकलने वाली नमी और यहां तक की पेशाब को भी वह वाटर रिकवरी सिस्टम के जरिए फिल्टर का पानी के लायक बनाया जाता है, जिसे पीकर ही अंतरिक्ष यात्री ज़िंदा रहते हैं।

सबसे लंबा अंतरिक्ष प्रवास करने वाली तीसरी महिला

सुनीता विलियम्स और विलमोर ने अंतरिक्ष में 286 दिन बिताए हैं, जिससे वह अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाले तीसरे स्थान पर हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की सुनीता विलियम से पहले भी कई लोगों ने स्पेस में कई दिन बताए हैं लेकिन वह सारे योजना प्रबंध थे।

सुनीता और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की सफलता लैंडिंग

लंबे इंतजार और कैप्सूल की सफलतापूर्वक लैंडिंग होने के बाद विलियम्स और विलमोर ने कैमरे की ओर हवा में हाथ हिलाकर खुशी ज़ाहिर की। नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत ठीक है उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ समय के लिए रिकवरी में रखा जाएगा फिर उन्हें ह्यूस्टन ले जाया जाएगा। नासा को उम्मीद है कि विलियम और विलमोर की इस बिना योजना की लंबी यात्रा से इंसानी प्रभाव को समझने में काफी मदद मिलेगी।

Follow Haqiqi News on LinkedIn to be updated with the latest news

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *