वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उच्च न्यायलय ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश राज्य को सख़्ती से आदेश दिया था कि पराली जलाना बंद कर दें, क्योंकि अभी तक वायु प्रदूषण में कोई कमी नहीं आई है। इसी वजह से आदेश के बाद पंजाब पुलिस तुरंत हरकत में आई। जब उच्च न्यायलय ने फटकार लगाई तो पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने सभी एसएसपी को आज्ञा दी कि वह अपने अपने क्षेत्रों में पराली जलाने वाले किसान पर सख़्त कार्यवाही करें क्योंकि ऐसा नहीं किया गया तो काफ़ी अनियंत्रित स्तिथि पैदा हो जाएगी।
जब उच्च न्यायलय ने पिछले साल के अलग-अलग वर्ष में पराली जलाने पर टिप्पणी की थी।इसी तरह से तारीख़ 6/11/2019 को उच्च न्यायलय के न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने कहा था कि लोग मर रहें हैं और आप लोगों को तनिक भी शर्म नहीं आ रही है। इन चार से पांच वर्षों में पराली नहीं जलाने के लिए राज्य सरकारों ने क्या कदम उठाए? जो लोग पराली लगातार निर्भय होकर जला रहें उनके खिलाफ सरकार क्या कार्यवाही कर रही है?
पंजाब में पराली जलाने वालों के कुल मामलों में बढ़ोतरी
राज्य पंजाब में हर साल की तरह इस बार भी पराली जलाने के मामले में बढ़ोतरी हुई है। आपको बता दें कि पंजाब में कुल 22 हज़ार 981 मामले सामने आए हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा ज़ारी किए आंकड़े के मुताबिक सिर्फ 18 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ की गयी है। इसके अलावा 1900 किसान पर 52 लाख रुपए का ज़ुर्माना लगाया गया है, लेकिन सिर्फ 8 लाख रुपए की वसूली की गई है। बुधवार के दिन करीब 2003 पराली जलाने के मामले दर्ज़ हुए हैं । सबसे अचंभित करने वाली बात तो यह है कि पंजाब राज्य के मुख्यमंत्री के गृह ज़िलें संगरूर से 466 मामले सामने आये जो कि अभी तक सबसे ज्यादा हैं