पैरासिटामोल एक ऐसी दावा है जिसे लोग बुखार या सिरदर्द होने पर अक्सर डॉक्टर की सलाह के बिना ले लेते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदत गंभीर परिणाम दे सकती है, खासकर बुजुर्गों के लिए। एक हालिया अध्ययन ने यह उजागर किया है कि पैरासिटामोल का बार-बार उपयोग 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में पाचन तंत्र, हृदय और गुर्दे से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ा सकता है। इसके अतिरिक्त, बिना चिकित्सकीय निगरानी के दवा लेना अन्य दुष्प्रभावों को भी जन्म दे सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दवाओं का सही तरीके से सेवन करने से इन जोखिमों को कम किया जा सकता है। इसलिए, हल्की तकलीफ होने पर भी डॉक्टर से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
एक सामान्य लेकिन विवादित दवा
पैरासिटामोल को आमतौर पर ऑस्टियोआर्थराइटिस (गठिया) जैसी बीमारियों के इलाज में प्राथमिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह दर्द निवारक और आसानी से उपलब्ध दवा के रूप में लोकप्रिय है। लेकिन हाल के वर्षों में इसके सुरक्षा पहलुओं पर सवाल उठने लगे हैं। कुछ शोधों ने इसकी प्रभावशीलता पर शंका जताई है, जबकि अन्य ने इसके लंबे समय तक उपयोग को आंतों में रक्तस्राव और अल्सर जैसी समस्याओं से जोड़ा है।
नया अध्ययन क्या कहता है?
यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम (यूके) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पैरासिटामोल के बार-बार उपयोग से जुड़े जोखिमों का आकलन किया गया। अध्ययन में पाया गया कि 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग, जो बार-बार पैरासिटामोल का सेवन करते हैं, उन्हें निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं का अधिक खतरा होता है:
- पेप्टिक अल्सर या आंतों में रक्तस्राव: 24%
- अधिकनिम्न जठरांत्रीय रक्तस्राव: 36%
- अधिकगुर्दे की बीमारियां: 19%
- अधिकदिल की विफलता: 9%
- अधिकहाई ब्लड प्रेशर: 7% अधिक
यह अध्ययन 1998 से 2018 तक के डेटा पर आधारित है, जिसमें 1.80 लाख से अधिक मरीजों का रिकॉर्ड शामिल किया गया। इन मरीजों को छह महीने के भीतर दो बार या अधिक पैरासिटामोल लेने का प्रिस्क्रिप्शन दिया गया था।
विशेषज्ञों की राय
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डॉ. विया झांग ने कहा, “पैरासिटामोल को लंबे समय से सुरक्षित माना जाता रहा है। लेकिन इसके सीमित दर्द निवारक प्रभाव और गंभीर दुष्प्रभावों को देखते हुए इसके उपयोग पर पुनर्विचार करना जरूरी है। खासकर बुजुर्गों के लिए, जो पहले से ही स्वास्थ्य जटिलताओं के अधिक जोखिम में रहते हैं।”
पिछले अध्ययनों से समर्थन
2016 में लांसेट पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन ने भी पैरासिटामोल की सीमित प्रभावशीलता पर सवाल उठाया था। यह पाया गया कि घुटने और कूल्हे के ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों में पैरासिटामोल दर्द निवारण में ज्यादा कारगर साबित नहीं होती।
क्या करें?
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पैरासिटामोल का लंबे समय तक उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। विशेष रूप से बुजुर्गों को इसे नियमित रूप से लेने से बचना चाहिए और दर्द या बुखार के वैकल्पिक उपचार की संभावना तलाशनी चाहिए। पैरासिटामोल, जो कभी सबसे सुरक्षित दवाओं में गिनी जाती थी, अब इसके संभावित जोखिमों के कारण चर्चा में है। यह जरूरी है कि लोग इसे समझदारी से उपयोग करें और डॉक्टर की सलाह को प्राथमिकता दें।
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