मेरठ-लखनऊ वंदे भारत में यात्रियों की कमी

मेरठ-लखनऊ वंदे भारत

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मेरठ-लखनऊ के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को यात्रियों से उम्मीद के मुताबिक रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है। शुरुआती दिनों में इसे अच्छा समर्थन मिला था, लेकिन अब इस रूट पर ट्रेन की ज्यादातर सीटें खाली जा रही हैं। यात्रियों की कमी के कारण रेलवे को इस सेवा से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसे देखते हुए रेलवे ने ट्रेन का रूट वाराणसी तक बढ़ाने का फैसला किया है। वाराणसी एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल होने के कारण यात्रियों को आकर्षित कर सकता है। रेलवे का मानना है कि इस कदम से न केवल ट्रेन की उपयोगिता बढ़ेगी, बल्कि राजस्व में भी सुधार होगा।

यात्रियों की कमी ने बढ़ाई चिंता

मेरठ-लखनऊ वंदे भारत को शुरू में यात्रियों का अच्छा समर्थन मिला था, लेकिन समय के साथ इस रूट पर यात्रियों की संख्या घटने लगी। खासतौर पर मेरठ से लखनऊ जाने वाली ट्रेन में सीटें खाली जा रही हैं। लखनऊ से मेरठ आने वाले यात्रियों की संख्या थोड़ी बेहतर है। रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर के दूसरे हफ्ते में चेयरकार और एग्जिक्यूटिव क्लास दोनों में कई सीटें खाली रहीं। चेयरकार का किराया 1355 रुपये और एग्जिक्यूटिव क्लास का किराया 2415 रुपये होने के बावजूद, मांग में कमी देखी जा रही है।

वाराणसी तक विस्तार की योजना

रेलवे ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए ट्रेन का रूट वाराणसी तक बढ़ाने का फैसला किया है। वाराणसी, जो एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है, ट्रेन के लिए नया आकर्षण केंद्र बन सकता है। लखनऊ मंडल को इस विस्तार के लिए एक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इस रिपोर्ट में विस्तार से होने वाले आर्थिक और यात्री लाभ का आकलन किया जाएगा।

उम्मीदों से भरा यह कदम

रेलवे को भरोसा है कि वाराणसी तक सेवा बढ़ाने से ट्रेन की लोकप्रियता में इजाफा होगा। इसके अलावा, इस रूट पर पड़ने वाले अन्य छोटे शहरों को भी बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा। वाराणसी तक विस्तार से न केवल यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि वंदे भारत एक्सप्रेस अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकेगी। रेलवे प्रशासन का मानना है कि यह कदम राजस्व में सुधार और ट्रेन की उपयोगिता बढ़ाने में मदद करेगा। यात्रियों को अब इस नई सेवा के शुरू होने का इंतजार है।

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