भारत की राजधानी दिल्ली में पिछले कई दिनों से वायु प्रदूषण ने अपना क़हर बरसाया हुआ है। वायु प्रदूषण के प्रकोप से आम जनता को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। श्वास सम्बंधित बिमारियों जैसे लगातार खाँसाना, सांस लेने में दिक्कत, घरघराहट इत्यादि। आइए निम्न बिमारियों के लक्षणों के बारे में विस्तार से जानते है।
1)वायु प्रदूषण ने बनाया दिल्ली को ज़हरीला गैस चैम्बर :-
वायु की गुणवत्ता इतनी ज़हरीली हो गयी है कि बेशक यह दिखती नहीं, इसका कोई स्वाद नहीं, इसकी कोई महक नहीं लेकिन फिर भी यह स्वास्थ्य पर और खासतौर पर सांस लेने की प्रक्रिया पर भयावह असर डालती है।
2)लगातार खाँसना :-
वायु प्रदूषण से ग्रस्त व्यक्तियों की पहचान है कि वह बिना रुके खाँसते रहते है। ज़्यादातर यह तब होता है जब खासतौर से उद्योग से सम्बंधित जगहों पर कार्य करते है, भारी वाहनों का इस्तेमाल शहर क्षेत्रों में हवा में मौज़ूद छोटे-छोटे धूल के कण और ज़हरीले यौगिक के कारण हो सकता है।यह जब हमला करते है तो पूरा सांस तंत्र में सूजन पैदा कर देते है, जिसकी वजह से दिक्कत हो सकती है।
3)सांस लेने में दिक्कत :-
सांस ठीक प्रकार से ना ले पाना एक अहम लक्षण है, जिस पर ध्यान देना अहम् है। अगर किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हैं,अचानक दम फूलने लगता है तो वहाँ की वायु कैसी है? उस पर सोचना चाहिए। ऐसी हवा फेफड़ों के काम और सांस (ऑक्सीजन) लेने में बाधा डालते है, जिसकी वजह से दमा या वातस्फीति जैसी बीमारियों से हाथ मिलाना पड़ सकता है।
4)घरघराहट :-
यह तब ज़्यादा होने लगता जब वायु प्रदूषण के कारण वायु का रास्ता अत्यधिक संकरा और सूज जाता है, जिसके कारण सांस तेज़ी से लेते है और सीटी जैसी आवाज़ आने लगती है।
5)आँखों से पानी आना :-
वायु प्रदूषण के ज़्यादा बढ़ने के कारण आँखों में खुजली होकर पानी आता है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। गले में भी जलन पैदा करने वाले पदार्थ आँखों को भी दिक्कत देते है। जिस वजह से आँखों से सम्बंधित बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
वायु प्रदूषण से बचने के लिए ऊपर दिए लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखें तो फ़ौरन अपने पास के डॉक्टर का रुख करे।